लेखनी प्रतियोगिता -15-Mar-2022
एक बेटी की जुबानी
क्या खूब कहा है किसी ने
के असल की परियाँ होती हैं।
नहीं पता तो उस पिता को पूछे
जिसके पास बेटियाँ होतीं हैं।
फिर बेटियों ने भी एक प्यारी
सी बात कही,
मेरे पिता बेशक राजा नहीं
लेकिन मुझे उन्होंने
राजकुमारी सा पाला है
होंगे भगवान लाखों करोड़ों
लेकिन में उसे मानतीं हूँ
जिस बाप ने मुझे
जमीन पर जन्नत का
एहसास कराया है।
हाँ ये नहीं कहती के
प्यार करने वाले
लड़के ना मिले हो
या होते नहीं,
लेकिन जो निस्वार्थ
आपसे प्यार करे
आप पर अपना
सब कुछ निसार करे
तो मजनूँओ मुझे
माफ़ करो,
ग़र बात होगी मुझे सबसे
ज्यादा चाहने वाले
आदमी की तो
वो तुम नहीं मेरे
मैं मेरे पिता का नाम लूँगी
और दुआ यही रहेगी
के अगले जन्म तुम
मिलों ना मिलों
लेकिन मैं चाहूँगी
उन्हीं के गोद में
में अपनी पहली दुनिया देखूंगी।
तुम महंगे तोहफे लाओगे
हर रोज़ मुझे रिझाओगे ।
बात जब मेरे पिता की
आएगी वहीं तुम
हार जाओगे।
तुम सोचते होंगे
क्या बकवास करती है
तो रुको उस दिन का
इंतजार करो।
मैं दुआ करूंगी तुम्हें
भी एक बेटी हो
फिर परियाँ तुम्हें
उनमे दिखेगी।
समझ पड़ेगा बाप होता
क्या है
समझ पड़ेगा ये एहसास होता
क्या है।
Shrishti pandey
16-Mar-2022 07:43 PM
Nice
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Punam verma
16-Mar-2022 08:56 AM
Very nice
Reply
Dr. Arpita Agrawal
16-Mar-2022 12:31 AM
अति सुंदर 👌👌👌
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